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योजनाएँ

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्थान अभियान

Dharti Aaba Janjatiya Gram Utkarsh Abhiyan

परिचय

धरती आबा योजना एक जनजातीय विकास अभियान है, जिसका उद्देश्य देश के सभी आदिवासी एवं विशेष रूप से PVTG (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) गांवों में सरकारी योजनाओं और सेवाओं को सीधे पहुँचाना है। यह 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं को एकीकृत करके, एक साथ आधारभूत सुविधाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। इस योजना का नाम धर्ति आबा (भगवान बिरसा मुंडा) के सम्मान में रखा गया है।

उद्देश्य

  • आदिवासी क्षेत्रों में विकास की सभी खामियों को दूर करना।
  • सरकारी योजनाओं का डोर-टू-डोर (घर-घर) लाभ सुनिश्चित करना।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, इंटरनेट, गैस, आवास, जल और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना।
  • जनजागरण शिविरों के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों को योजनाओं से जोड़ना।

योजना की मुख्य बातें

  • कवरेज: 63,000 से अधिक आदिवासी गांव और 29,000+ PVTG बस्तियां।
  • बजट: ₹79,156 करोड़ (केंद्र सरकार ₹56,333 करोड़ + राज्य सरकारें ₹22,823 करोड़)।
  • लक्ष्य:
    • 20 लाख पक्के घर बनाना।
    • 25,000 किमी सड़क निर्माण।
    • 2.35 लाख घरों में बिजली कनेक्शन।
    • 25 लाख LPG कनेक्शन।
    • 5,000 से अधिक गांवों में ब्रॉडबैंड सुविधा।
    • 100 आदिवासी मार्केट हब स्थापित करना।
    • स्वास्थ्य शिविर, सिकल सेल रोग की जांच, और आयुष्मान कार्ड वितरण।

बिहार में क्रियान्वयन

  • शुभारंभ: 15 नवम्बर 2024, जमुई (बिरसा मुंडा जयंती पर) प्रधानमंत्री द्वारा ₹8,500 करोड़ की योजनाओं का शुभारंभ।
  • जिले शामिल: जमुई, कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, वैशाली आदि।
  • अभियान अवधि:
    • 15 से 26 नवम्बर 2024 — विशेष शिविरों का आयोजन।
    • 15 से 30 जून 2025 — दस्तावेज़ बनाने और योजनाओं से जोड़ने के लिए शिविर।
  • शिविरों में मिलने वाली सुविधाएं:
    • आधार कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र।
    • राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पेंशन योजना, पीएम-किसान योजना।
    • मनरेगा जॉब कार्ड, स्वरोजगार लोन, महिला स्वयं सहायता समूह सहायता।

बिहार में मिलने वाले लाभ

धर्ति आबा योजना में 17 मंत्रालयों की 25 योजनाएं एक साथ चलती हैं, इसलिए एक ही शिविर में कई योजनाओं का लाभ मिल सकता है।

बुनियादी ढांचा एवं सुविधाएं

  • पक्के मकान (प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण/शहरी)।
  • गांव तक पक्की सड़क (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना)।
  • बिजली कनेक्शन (सौभाग्य योजना)।
  • स्वच्छ पीने का पानी (जल जीवन मिशन)।
  • गैस कनेक्शन (उज्ज्वला योजना)।
  • इंटरनेट ब्रॉडबैंड (भारतनेट योजना)।

दस्तावेज़ और प्रमाणपत्र

  • आधार कार्ड बनवाना या सुधार करना।
  • जाति प्रमाणपत्र और निवास प्रमाणपत्र।
  • जन्म/मृत्यु प्रमाणपत्र।

सामाजिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य

  • आयुष्मान भारत कार्ड – मुफ्त इलाज की सुविधा।
  • पेंशन योजनाएं – वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन।
  • सिकल सेल रोग और अन्य बीमारियों की मुफ्त जांच।
  • पोषण और स्वास्थ्य जांच शिविर।

आजीविका और रोजगार

  • मनरेगा जॉब कार्ड।
  • स्वरोजगार लोन – स्टैंड-अप इंडिया, पीएम मुद्रा योजना।
  • महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) सहायता।
  • कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम।

कृषि और किसान लाभ

  • पीएम-किसान सम्मान निधि में पंजीकरण।
  • कृषि उपकरण सब्सिडी।
  • बीज और खाद पर अनुदान।

आवेदन प्रक्रिया

कदम 1 – शिविर में भाग लें

  • जिले के आदिवासी बहुल गांवों में विशेष शिविर आयोजित होते हैं (जैसे 15-26 नवंबर, 15-30 जून)।
  • इन शिविरों की तारीखें और स्थान प्रखंड कार्यालय, पंचायत भवन या स्थानीय अखबारों में प्रकाशित होते हैं।

कदम 2 – ज़रूरी दस्तावेज़ लेकर जाएं

आमतौर पर ये दस्तावेज़ साथ ले जाएं:

  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो (4-6)
  • जाति प्रमाणपत्र (अगर है)
  • निवास प्रमाणपत्र (अगर है)
  • मोबाइल नंबर

कदम 3 – एक ही जगह आवेदन

  • शिविर में सभी विभागों के काउंटर एक साथ लगे होते हैं।
  • आप आवास, बिजली, गैस, पेंशन, किसान योजना, स्वास्थ्य कार्ड आदि का आवेदन वहीं कर सकते हैं।
  • फॉर्म भरने और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद आवेदन पावती रसीद मिलती है।

कदम 4 – लाभ प्राप्त करना

  • योजना के आधार पर लाभ तुरंत (जैसे कार्ड/सर्टिफिकेट) या कुछ हफ्तों में (जैसे मकान, सड़क, बिजली) मिलता है।
  • आवेदन की स्थिति CSC केंद्र या पंचायत सचिवालय से ट्रैक कर सकते हैं।
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