परिचय
जल-जीवन-हरियाली योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर 2019 को शुरू किया। इस योजना का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना, जल संसाधनों का संरक्षण करना, पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाना और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना है।
मुख्य उद्देश्य:
- जल संरक्षण: तालाब, पोखर, कुएं और नहरों की सफाई एवं पुनर्जीवन।
- हरियाली बढ़ाना: सड़कों, नहरों और सरकारी जमीन पर वृक्षारोपण।
- भू-जल पुनर्भरण: वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना।
- नदी-तालाब संरक्षण: जल स्रोतों के अतिक्रमण को रोकना।
- पर्यावरण संरक्षण: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना।
प्रमुख कार्य:
- पुराने तालाब, पोखर, कुएं की सफाई और गहरीकरण।
- वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण।
- वृक्षारोपण अभियान – सरकारी व गैर-सरकारी भूमि पर पेड़ लगाना।
- नदी, आहर, पईन का पुनर्जीवन।
- जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन।
लाभ:
- किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होना।
- भू-जल स्तर में वृद्धि।
- पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार।
- जैव विविधता का संरक्षण।
- जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों में कमी।
लक्षित अवधि:
2019 से 2022 तक इस योजना के तहत लाखों पेड़ लगाए गए और हजारों जल स्रोतों का पुनर्जीवन किया गया।
नारा:
"जल है तो कल है, हरियाली है तो खुशहाली है"