Loading...
किशोरी लड़कियों के लिए योजना (SAG)
लाभार्थी
- 11 से 14 वर्ष की आयु की किशोरियां, जो स्कूल नहीं जाती हैं।
- विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों से आने वाली बालिकाएं।
योजना का विवरण
- 11 से 14 वर्ष की आयु की किशोरियां, जो स्कूल नहीं जाती हैं।
- विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों से आने वाली बालिकाएं।
उद्देश्य
- स्कूल से बाहर की किशोरियों को पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
- जीवन-कौशल, गृह विज्ञान, सिलाई-कढ़ाई, स्वच्छता आदि का प्रशिक्षण देना।
- स्वास्थ्य जागरूकता और किशोरावस्था में आने वाले बदलावों के बारे में जानकारी देना।
- बाल विवाह को रोकने और शिक्षा जारी रखने के लिए प्रेरित करना।
लाभ
- पोषण आहार: मासिक आधार पर पौष्टिक पूरक आहार।
- स्वास्थ्य जांच: नियमित स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श।
- प्रशिक्षण: सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, बागवानी आदि का प्रशिक्षण।
- स्वच्छता किट: व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए आवश्यक सामग्री।
- जागरूकता कार्यक्रम: स्वास्थ्य, शिक्षा, कानूनी अधिकार, पोषण और लिंग समानता पर कार्यशालाएं।
बिहार में क्रियान्वयन
- योजना का संचालन आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से किया जाता है।
- जिला और प्रखंड स्तर पर महिला पर्यवेक्षकों एवं सेविकाओं द्वारा निगरानी की जाती है।
- ICDS की सेवाओं के साथ SAG योजना को एकीकृत किया गया है।
आवेदन प्रक्रिया
- इच्छुक किशोरी अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र पर संपर्क करे।
- आंगनवाड़ी सेविका द्वारा पंजीकरण किया जाता है।
- आवश्यक विवरण और दस्तावेज़ (जैसे आयु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण) जमा करने होते हैं।
Back to top